दिनाँक 30/03/2025 नई दिल्ली
म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जिससे कई इमारतें ढह गईं और सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस आपदा के बाद दुनियाभर से मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं। इसी बीच एक्स (Twitter) के मालिक एलन मस्क ने भी सहायता की पेशकश की है।
एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्हें थाईलैंड और म्यांमार में हुई तबाही से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी स्पेसएक्स जरूरतमंदों के लिए स्टारलिंक किट भेजने के लिए तैयार है, जिससे प्रभावित इलाकों में संचार व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
क्या है स्टारलिंक?
स्टारलिंक एक सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम है, जो दूरदराज और इंटरनेट से कटे हुए इलाकों में तेज़ इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
म्यांमार में आपातकाल घोषित
भूकंप के बाद म्यांमार में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 7.7 तीव्रता के भूकंप के कुछ घंटों बाद वहां 4.2 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया। अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 से ज्यादा लोग घायल हैं। अधिकारियों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 1,000 तक पहुंच सकती है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने भूकंप प्रभावित छह क्षेत्रों में आपातकाल लागू कर दिया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन कई जगहों पर स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है।
थाईलैंड में भी भारी नुकसान, बैंकॉक को आपातकालीन क्षेत्र घोषित
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का भारी असर देखा गया। एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई और नौ लोग घायल हो गए। 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने बैंकॉक को आपातकालीन क्षेत्र घोषित कर दिया है और प्रशासन को तत्काल राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से ऊंची इमारतों से दूर रहने, केवल सीढ़ियों का उपयोग करने और शांत रहने की अपील की है।
हेल्पलाइन और राहत प्रयास जारी
सरकार ने सभी सरकारी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और स्कूलों को जल्द बंद कर बच्चों को सुरक्षित घर भेजने के आदेश दिए गए हैं। राहत और बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं। इस भयानक आपदा के बाद दुनियाभर से मदद की पेशकश की जा रही है। म्यांमार और थाईलैंड की सरकारें बचाव कार्यों को तेज करने में जुटी हुई हैं।


