दिनाँक 07/03/2025 नई दिल्ली
भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) और टाटा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (TSMPL) के साथ एक फिसकल सपोर्ट एग्रीमेंट (FSA) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत गुजरात के धोलेरा में देश का पहला व्यावसायिक चिप कारखाना बनाया जाएगा।
भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
यह समझौता गांधीनगर में ‘सेमी कनेक्ट कॉन्फ्रेंस’ के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में हुआ। यह भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
91,000 करोड़ रुपये का निवेश, 50,000 वेफर्स स्टार्ट प्रति माह की क्षमता
धोलेरा में बनने वाले टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर फैब में 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। इसकी उत्पादन क्षमता 50,000 वेफर्स स्टार्ट प्रति माह (WSPM) होगी। इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा करेगा।
सरकार देगी 50% वित्तीय सहायता
भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए 50% वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। यह भारत को टेक्नोलॉजी उपभोक्ता से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और एमडी डॉ. रणधीर ठाकुर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री स्थापित करने की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन के तहत देश में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है।”
भारत बनेगा सेमीकंडक्टर हब
यह फैक्ट्री ऑटोमोटिव, कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों के लिए सेमीकंडक्टर बनाएगी। इस प्रोजेक्ट से भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण का नया युग शुरू होगा, जिससे देश वैश्विक तकनीकी शक्ति बनने की ओर अग्रसर होगा।


