दिनाँक 18/02/2025 नई दिल्ली
एम्स भोपाल में दुर्लभ नेत्र सर्जरी, मरीज की आंख से निकाला गया जिंदा परजीवी कीड़ा
भोपाल: एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ और जटिल सर्जरी कर मरीज की आंख से एक इंच लंबा जिंदा परजीवी कीड़ा सफलतापूर्वक निकाला। यह सर्जरी नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख रेटिना सर्जन डॉ. समेंद्र करखुर के नेतृत्व में की गई।
क्या था मामला?
मध्यप्रदेश के रुसल्ली निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति को आंखों में लाली और धुंधली दृष्टि की समस्या हो रही थी। कई डॉक्टरों से इलाज कराने और आई ड्रॉप्स व दवाएं लेने के बाद भी समस्या बनी रही। जब उनकी दृष्टि और ज्यादा कमजोर हो गई, तो वे एम्स भोपाल पहुंचे।
कैसे पता चला?
जांच में पाया गया कि उनकी आंख के कांचीय द्रव (विट्रियस जेल) में एक जिंदा परजीवी कीड़ा मौजूद था। यह कीड़ा लगातार आंख के अंदर हिल-डुल रहा था, जिससे सर्जरी करना और भी मुश्किल हो गया।
कैसे हुई सर्जरी?
डॉ. करखुर ने बताया कि परजीवी को पकड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह बचने की कोशिश कर रहा था।
- पहले, उच्च-सटीकता वाली लेजर तकनीक से परजीवी को निष्क्रिय किया गया ताकि आंख को नुकसान न पहुंचे।
- फिर, विट्रियो-रेटिना सर्जरी तकनीक से कीड़े को सफलतापूर्वक निकाला गया।
कहां से आया यह परजीवी?
परजीवी की पहचान ग्नाथोस्टोमा स्पिनिजेरम के रूप में हुई। यह कीड़ा अधपका या कच्चा मांस खाने से शरीर में प्रवेश करता है और त्वचा, मस्तिष्क और आंखों जैसे अंगों तक पहुंच सकता है। आंख में इसका पाया जाना दुनिया में अब तक केवल 3-4 मामलों में दर्ज किया गया है।
मरीज की स्थिति
डॉ. करखुर ने बताया कि मरीज अब स्वस्थ हो रहा है और उसकी दृष्टि में जल्द सुधार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपने 15 साल के करियर में उन्होंने पहली बार ऐसा दुर्लभ मामला देखा और सफलतापूर्वक इसका इलाज किया।
निष्कर्ष
यह सफलता एम्स भोपाल की मेडिकल रिसर्च और रोगी देखभाल में उत्कृष्टता को दर्शाती है। यह उपलब्धि पूरे देश के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने की एम्स की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।


