दिनाँक 22/03/2025 नई दिल्ली
नई दिल्ली : ओला इलेक्ट्रिक को सरकारी जांच का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कंपनी के बिक्री आंकड़ों और वास्तविक वाहन पंजीकरण में भारी अंतर पाया गया है। फरवरी 2025 में ओला इलेक्ट्रिक ने 25,000 स्कूटर बेचने का दावा किया था, लेकिन सरकारी वाहन पोर्टल के मुताबिक, केवल 8,600 स्कूटर ही पंजीकृत हुए।
महाराष्ट्र में जांच और जब्ती
इस मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने पुणे सहित कई ओला इलेक्ट्रिक शोरूम का निरीक्षण किया। जांच के दौरान अधिकारियों ने दस्तावेजों की वैधता और व्यापार प्रमाणपत्रों की जांच की। नियमों के उल्लंघन के चलते मुंबई और पुणे में 36 स्कूटर जब्त कर लिए गए।
पंजाब और मध्य प्रदेश में भी सख्ती
महाराष्ट्र के अलावा, पंजाब में ओला इलेक्ट्रिक के कई आउटलेट बंद कर दिए गए हैं। वहीं, जबलपुर में आरटीओ अधिकारियों ने बिना वैध प्रमाणपत्र के अपंजीकृत स्कूटर बेचने के मामले में कंपनी को नोटिस जारी किया है।
पहले भी विवादों में रही ओला इलेक्ट्रिक
यह पहली बार नहीं है जब ओला इलेक्ट्रिक को नियामक दबाव का सामना करना पड़ा है। इस साल की शुरुआत में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कंपनी को वित्तीय जानकारी के खुलासे में कमी के लिए चेतावनी दी थी।
कमजोर मांग और घाटे से जूझ रही कंपनी
अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक को 564 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कमजोर मांग और भारी छूट के कारण कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा। लागत में कटौती के बावजूद, कंपनी के शेयर बाजार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।


