“प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन पर दुख व्यक्त किया। 88 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। डॉ. चिदंबरम ने भारत के परमाणु परीक्षणों में बड़ा योगदान दिया था।”
दिनाँक 04/01/2025
नई दिल्ली, 4 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि डॉ. चिदंबरम के योगदान से भारत की वैज्ञानिक और सामरिक ताकत को मजबूती मिली। उनका काम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।
डॉ. चिदंबरम का 88 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद शनिवार सुबह निधन हो गया। वे 1974 के भारत के पहले परमाणु परीक्षण और 1998 के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में अहम भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक थे, जिनसे भारत को एक मजबूत परमाणु शक्ति के रूप में पहचान मिली।
डॉ. चिदंबरम का जन्म 1936 में हुआ था। उन्होंने चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज और बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान से पढ़ाई की। अपने करियर में वे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के निदेशक (1990-1993) और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष (1993-2000) रहे। उन्होंने 1994-95 में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का नेतृत्व भी किया।
उनकी सेवाओं के लिए उन्हें 1975 में पद्मश्री और 1999 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। डॉ. चिदंबरम 2001 से 2018 तक भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रहे और देश की विज्ञान व रणनीति से जुड़ी नीतियों को आकार दिया। उनका योगदान हमेशा देश के लिए प्रेरणा बना रहेगा।


