“नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के हिस्से के रूप में सरकार ने बसों और ट्रकों में हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए पांच पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किये हैं।”
दिनाँक 04/03/2025 नई दिल्ली
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत हाइड्रोजन फ्यूल वाले वाहनों के लिए पांच पायलट प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है। इसके तहत देशभर में 37 हाइड्रोजन-फ्यूल वाहनों (बसों और ट्रकों) का परीक्षण किया जाएगा, जो 10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे।
किन कंपनियों को मिली जिम्मेदारी?
सरकार ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अशोक लेलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल जैसी बड़ी कंपनियों को प्रोजेक्ट सौंपे हैं।
केंद्र से 208 करोड़ की मदद
इन प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए सरकार 208 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दे रही है। इन वाहनों और 9 हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशनों से जुड़ी परियोजनाओं को अगले 18-24 महीनों में शुरू कर दिया जाएगा।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देना और परिवहन क्षेत्र में हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। इससे पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।


