“भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के बाद अब जल्द ही व्यापार से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़े कई मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने की कोशिश की जाएगी”
दिनाँक 20/12/2024 नई दिल्ली
जयप्रकाश रंजन : भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को स्थाई रूप से सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की बातचीत के बाद अब व्यापार से जुड़े मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच जल्द ही बैठक हो सकती है। हालांकि, चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, फिर भी पिछले पांच वर्षों से दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।
पिछली बैठक का जिक्र:
जुलाई 2023 में जी-20 सम्मेलन के दौरान अहमदाबाद में भारत और चीन के वित्त मंत्रियों की बैठक हुई थी, लेकिन उसके बाद डेढ़ साल तक कोई चर्चा नहीं हुई। अक्टूबर 2024 में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात में पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद का हल निकला और सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर बातचीत का रास्ता खुला।
कारोबार में तनाव:
भारत और चीन के संबंधों में तनाव से कारोबारी जगत को भी समस्याएं हो रही हैं। चीन से संबंधित भारतीय कंपनियों को चीन के विशेषज्ञों के लिए वीजा मिलने में दिक्कत हो रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि सभी मुद्दों पर धीरे-धीरे कदम उठाए जा रहे हैं। विशेष प्रतिनिधि और विदेश मंत्री स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, अब आगे की बैठकों का फैसला किया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप का प्रभाव:
भारत और चीन के बीच व्यापार वार्ता की संभावनाएं ऐसे समय पर उभर रही हैं, जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ सख्ती दिखाने की चेतावनी दी है। हालांकि, ट्रंप ने भारत पर भी शुल्क लगाने की बात कही है, लेकिन जानकारों का मानना है कि उनका मुख्य निशाना चीन है।


