दिनाँक 13/02/2025 नई दिल्ली
अयोध्या में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (87) का बुधवार सुबह लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। वे कई दिनों से बीमार थे। उनके निधन की खबर से साधु-संतों और राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई।
चार दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल लिया था और हर संभव मदद का भरोसा दिया था। मुख्यमंत्री ने उनके निधन को आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और भगवान श्रीराम से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
34 साल तक रामलला की सेवा की
आचार्य सत्येंद्र दास 1993 से रामलला के पुजारी थे और उन्होंने टेंट से लेकर भव्य मंदिर तक रामलला की पूजा की। जब 1992 में उन्हें पुजारी नियुक्त किया गया था, तब उनका वेतन मात्र 100 रुपये था। वे पहले संस्कृत के अध्यापक थे, लेकिन 1992 में रामलला के पुजारी बने।
रामलला की पूजा के लिए कोई प्रतिबंध नहीं था
उन्होंने रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद कार्यमुक्त होने की इच्छा जताई थी, लेकिन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें मुख्य पुजारी बनाए रखा। उन्हें विशेष अनुमति दी गई थी कि वे जब चाहें, रामलला की पूजा कर सकते हैं।
अयोध्या से गहरा जुड़ाव
संतकबीर नगर के ब्राह्मण परिवार में जन्मे सत्येंद्र दास 1950 के दशक में अयोध्या आए और संत अभिराम दास के शिष्य बने। अभिराम दास वही संत थे जिन्होंने 1949 में रामलला की मूर्ति स्थापित की थी।
पवित्र दिन ली अंतिम सांस
आचार्य सत्येंद्र दास का निधन माघ पूर्णिमा के शुभ दिन सुबह 7 बजे हुआ। उनके निधन पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर समिति के अन्य सदस्यों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती
पिछले रविवार को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पहले श्रीराम अस्पताल, फिर मेडिकल कॉलेज और आखिर में पीजीआई में भर्ती कराया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद उनका हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे थे।
उनका निधन अयोध्या और श्रीराम भक्तों के लिए एक बड़ी क्षति है।


