दिनाँक 13/03/2025 नई दिल्ली
हरियाणा में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त जीत दर्ज की। प्रदेश के 10 में से 9 नगर निगमों में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया, जबकि कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंदरजीत यादव विजयी हुए।
पीएम मोदी ने जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के लोगों को इस जीत के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह नायब सिंह सैनी सरकार में जनता के अटूट विश्वास का नतीजा है। पीएम मोदी ने X (ट्विटर) पर लिखा:
“हरियाणा निकाय चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के लिए मैं हरियाणा के अपने परिवार के सदस्यों का बहुत आभारी हूं। हम जनता की उम्मीदों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
सीएम नायब सिंह सैनी ने क्या कहा?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस जीत पर खुशी जताई और इसे “ट्रिपल इंजन सरकार” पर जनता की मुहर बताया। उन्होंने कहा:
“स्थानीय निकाय सरकार और राज्य सरकार मिलकर पीएम मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।”
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस जीत पर हरियाणा की जनता का आभार जताया और कहा कि हरियाणा की जनता को मोदी जी पर पूरा भरोसा है। उन्होंने लिखा:
“नगर निकाय चुनावों में भी बीजेपी को अपना आशीर्वाद देने के लिए हरियाणा की जनता का बहुत आभार। भाजपा आज वार्ड से लेकर विधानसभा और पंचायत से लेकर संसद तक जनता की पहली पसंद बन गई है।”
बीजेपी का शानदार प्रदर्शन
- 10 में से 9 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा
- कांग्रेस कोई भी सीट नहीं जीत पाई
- फरीदाबाद में बीजेपी की प्रवीण बत्रा ने सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज की
- रोहतक में भी बीजेपी ने बाजी मारी, जहां कांग्रेस का गढ़ माना जाता था
क्या था चुनाव का नतीजा?
हरियाणा निकाय चुनाव 2 मार्च को हुए थे, जिसमें बीजेपी ने रोहतक, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और करनाल नगर निगमों में जीत दर्ज की।
- 5 नगर परिषदों पर भी बीजेपी का कब्जा रहा
- 23 नगर पालिकाओं में 8 पर बीजेपी जीती, 15 पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की
कांग्रेस को बड़ा झटका
कांग्रेस किसी भी नगर निगम या नगर परिषद में जीत हासिल नहीं कर पाई। रोहतक, जो कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता था, वहां भी बीजेपी ने जीत दर्ज की। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने उम्मीदवार सूरजमल किलोई को जिताने में नाकाम रहे।


