“केंद्र सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी किया है। इसमें नियमों के उल्लंघन पर कोई दंड का प्रावधान नहीं रखा गया है।”
दिनाँक 03/01/2025 नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने लंबे समय से प्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी किया है। इस मसौदे में नियमों के उल्लंघन पर दंड का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। मसौदा नियम 18 फरवरी, 2025 तक सार्वजनिक परामर्श के लिए खुले रहेंगे, और इसके बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के तहत:
- व्यक्तियों की सहमति और डेटा प्रसंस्करण से संबंधित नियम तय किए गए हैं।
- डेटा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा केवल सहमति की अवधि तक ही रखा जाए और फिर हटा दिया जाए।
- ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया, और गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसी कंपनियां डेटा के लिए जिम्मेदार मानी जाएंगी।
मसौदे में यह भी कहा गया है कि बच्चों के डेटा की सुरक्षा के लिए यह जांच की जाएगी कि माता-पिता या अभिभावक वयस्क हैं। हालांकि, अधिनियम में उल्लंघन पर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन मसौदा नियमों में दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परामर्श के लिए सभी से सुझाव मांगे हैं, ताकि नियमों को और बेहतर बनाया जा सके।


