हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक रोचक वाकया देखने को मिला, जब वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की फीस को लेकर एक तीखी टिप्पणी हुई। यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई जब एक मामले की सुनवाई के दौरान किसी गरीब व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने को लेकर सिंघवी की फीस का जिक्र हुआ।
क्या था मामला?
सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई हो रही थी, जिसमें गरीब व्यक्ति की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे। इस दौरान जजों में से एक ने मजाकिया लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं हैरान हूं कि गरीब व्यक्ति सिंघवी जी की फीस दे रहा है।” यह बात कोर्टरूम में मौजूद लोगों के लिए भी चौंकाने वाली थी, क्योंकि अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े वकील आमतौर पर ऊंची फीस लेते हैं।
सिंघवी का जवाब:
इस टिप्पणी का जवाब देते हुए सिंघवी ने बड़े शालीन तरीके से कहा, “महोदय, यह मेरा प्रोफेशनल दायित्व है कि मैं ऐसे मामलों में भी गरीबों की मदद करूं।” उनके इस उत्तर पर कोर्टरूम में मौजूद सभी लोग प्रभावित हुए।
मामले की गंभीरता:
इस मजाकिया टिप्पणी के बावजूद, मामला गरीबों से जुड़ा हुआ था, जिसे सिंघवी गंभीरता से संभाल रहे थे। उन्होंने यह भी साफ किया कि कई बार वह बिना किसी फीस के भी मामलों की पैरवी करते हैं, खासकर जब वह किसी सामाजिक या संवेदनशील मुद्दे से जुड़ा हो।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं:
इस टिप्पणी और सिंघवी के उत्तर की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। कई लोग सिंघवी के इस कदम की सराहना कर रहे हैं कि वह सामाजिक जिम्मेदारियों को भी महत्व देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करने में आगे रहते हैं।


