यूपी सरकार का बेटियों के लिए नया कदम — अब स्कूलों में मिलेगी माहवारी स्वच्छता और आत्मसम्मान की सीख

दिनाँक 31/05/2025 नई दिल्ली

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बेटियों की पढ़ाई, सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ अब उनके आत्मसम्मान और गरिमापूर्ण जीवन के लिए भी एक नई पहल कर रही है। प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली किशोरियों को अब माहवारी स्वच्छता, पोषण और संवाद के अधिकार जैसे ज़रूरी विषयों पर वैज्ञानिक और सहज प्रशिक्षण दिया जाएगा।

‘स्वच्छ गरिमा’ नाम के इस अभियान को बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू किया है। इसके तहत 746 केजीबीवी में किशोरियों को बताया जाएगा कि माहवारी कोई शर्म की बात नहीं, बल्कि शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्हें साफ-सफाई, पोषण और इस विषय पर खुलकर बात करने की आदत भी डाली जाएगी, ताकि वे बिना संकोच अपने सवाल पूछ सकें और सही जानकारी पा सकें।

बेटियों के भविष्य और स्वास्थ्य को लेकर सरकार गंभीर

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि योगी सरकार बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ बेटियों को पढ़ाना ही नहीं, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों और समाज में फैले संकोच से भी मुक्त करना है।”

संकोच नहीं, संवाद ज़रूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ कानून बनाने से नहीं होगा, बल्कि समाज की सोच और व्यवहार बदलने से होगा। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए अब स्कूलों में संवेदनशील विषयों को भी शिक्षा का हिस्सा बनाया जा रहा है। छात्राओं को तस्वीरों, बातचीत और गतिविधियों के ज़रिए सिखाया जाएगा कि माहवारी के दौरान स्वच्छता क्यों ज़रूरी है और इस विषय पर खुलकर बात करना कैसा आत्मबल देता है।

यूनिसेफ का साथ, शिक्षकों की अहम भूमिका

इस प्रशिक्षण के लिए यूनिसेफ की मदद से एक खास मॉड्यूल भी तैयार किया गया है। इसमें छात्राओं को सरल भाषा और दृश्य सामग्री से जागरूक किया जाएगा। साथ ही, शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वे बिना किसी झिझक इस मुद्दे पर छात्राओं से खुलकर बातचीत करें। बाद में इसमें अभिभावकों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि घर और स्कूल दोनों जगह बेटियों को सहयोग मिले।

‘स्वच्छ गरिमा’ अभियान की खास बातें

  • प्रदेश के 746 केजीबीवी में प्रशिक्षण शुरू
  • यूनिसेफ के सहयोग से बना वैज्ञानिक और सरल मॉड्यूल
  • शिक्षिकाएं और अभिभावक भी बनेंगे सहभागी
  • बेटियों को मिलेगा माहवारी स्वच्छता, पोषण और संवाद का ज्ञान
  • बेटियों के आत्मसम्मान और आत्मबल को मिलेगा बढ़ावा

यह पहल ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ’ अभियान का सशक्त विस्तार है। इसके ज़रिए बेटियों को पढ़ाई के साथ व्यवहारिक जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ी सही जानकारी देकर उन्हें स्वस्थ, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

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