दिनाँक 14/07/2025 नई दिल्ली
बिहार की मतदाता सूची में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के नाम शामिल होने का बड़ा खुलासा हुआ है। इससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर निशाना साधा, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने इस मामले पर कहा, “ये सूत्र कौन हैं जो ऐसी बातें फैला रहे हैं? ये वही लोग हैं जो इस्लामाबाद और कराची पर कब्जा करने की भी बातें करते हैं। हम इन सूत्रों को गंभीरता से नहीं लेते। अगर वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठ हुई है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? चुनाव आयोग और केंद्र की एनडीए सरकार की।”
तेजस्वी ने कहा कि जबसे सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं, तभी से सरकार घबराई हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार और नेपाल का रोटी-बेटी का रिश्ता है। कई नेपाली बिहार पुलिस और सेना में भी काम कर रहे हैं। अगर वाकई फर्जी वोटर हैं, तो सरकार और चुनाव आयोग जिम्मेदार हैं।
प्रशांत किशोर ने क्या कहा?
प्रशांत किशोर ने भी इस मुद्दे पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “अगर चुनाव आयोग कह रहा है कि वोटर लिस्ट में नेपाली और बांग्लादेशी हैं, तो यह बहुत गंभीर बात है। इसका मतलब पिछले चुनाव इन्हीं फर्जी वोटरों के नाम पर कराए गए थे। अब सवाल उठता है कि जब बिहार में भाजपा-नीतीश की सरकार है, तो फिर ये लोग यहां रह कैसे रहे हैं? पुलिस और प्रशासन क्या कर रहे हैं? सरकार को बताना चाहिए कि विदेशी नागरिकों को वोटर कार्ड और सरकारी सुविधाएं किसने दीं।”
क्या है मामला?
दरअसल, बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के दौरान पता चला कि कई विदेशी नागरिकों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं। इसमें बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के नाम सामने आए हैं। यह खुलासा होने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। विपक्ष सरकार पर हमला कर रहा है और सरकार सफाई देने में जुटी है।


