“उत्तर प्रदेश में परीक्षा व्यवस्था को लेकर छात्रों का विरोध उग्र हो गया था, और अंततः छात्रों के विरोध के आगे राज्य सरकार को झुकते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाना पड़ा”
उत्तर प्रदेश : प्रदर्शन की शुरुआत और छात्रों की मांगें : “प्रयागराज में भारी संख्या में छात्रों ने परीक्षा के आयोजन को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) ने एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।उनका मुख्य विरोध इस बात को लेकर था कि यूपी में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा को कई शिफ्ट में आयोजित किया जा रहा था
जिससे न केवल छात्रों को असुविधा हो रही थी, बल्कि परीक्षा के परिणाम पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा था। छात्रों का कहना था कि एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित होने से समान अवसर मिलेंगे और नकल या भेदभाव की संभावनाएं कम होंगी।
इस प्रदर्शन ने तब और तूल पकड़ा, जब छात्रों ने आरोप लगाया कि एक शिफ्ट में परीक्षा नहीं होने की स्थिति में, उन पर मानसिक दबाव बढ़ सकता है और इससे उनका प्रदर्शन भी प्रभावित हो सकता है। साथ ही, परीक्षा के दौरान एक ही विषय में कई शिफ्टों के सवालों में भिन्नता का भी जिक्र किया गया।
राज्य सरकार और आयोग का प्रतिक्रिया
छात्रों के लगातार विरोध के बाद यूपी सरकार और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और छात्रों की शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया।
आयोग ने स्वीकार किया कि परीक्षा के कई शिफ्टों में विभिन्न प्रकार के प्रश्न पत्र और समय-समय पर बदलाव छात्रों को मानसिक रूप से प्रभावित कर रहे थे। इसके बाद, आयोग ने घोषणा की कि अब से परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएंगी ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके और परीक्षा में किसी प्रकार का भेदभाव न हो।
छात्रों की जीत: आयोग के निर्णय का स्वागत
इस फैसले के बाद, छात्रों ने इसे अपनी एक बड़ी जीत माना और राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “हमने अपनी आवाज़ को उठाया और प्रशासन ने हमारी समस्याओं को समझा। आज हम खुश हैं कि हमारे लिए परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया गया है।”


