दिनाँक 25/02/2025 नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुवाहाटी में एक भव्य रोड शो किया और फिर सरुसजाई स्टेडियम में आयोजित ‘झुमोइर बिनंदिनी’ कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम असम की चाय जनजाति और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित था।
पीएम मोदी बोले – चाय की खुशबू को चाय वाला ही समझेगा
मोदी ने झुमोइर नृत्य कलाकारों की तैयारी की सराहना की और कहा कि चाय की खुशबू और रंग को एक चाय वाला ही सबसे अच्छी तरह समझ सकता है। उन्होंने असम की चाय बगान संस्कृति से अपने खास रिश्ते का भी जिक्र किया।
असमिया भाषा को मिला शास्त्रीय भाषा का दर्जा
पीएम मोदी ने असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का जिक्र किया और कहा कि यह असम के लोगों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि असम का चराइदेव मोईदाम अब यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हो चुका है।
60 से ज्यादा देशों के राजदूत पहुंचे असम
इस खास मौके पर 60 से ज्यादा देशों के राजदूत भी असम पहुंचे, जिससे राज्य की सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय मंच मिला।
टी-ट्राइब के लिए नई योजनाएं
मोदी सरकार ने असम के टी-ट्राइब (चाय जनजाति) के विकास के लिए कई पहलें की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 100 से ज्यादा मॉडल टी गार्डन स्कूल और 100 और बनने की योजना।
- चाय बागानों में काम करने वाली गर्भवती महिलाओं को ₹15,000 की आर्थिक सहायता।
- 350 से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य केंद्र चाय बागानों में खोले गए।
- टी-ट्राइब युवाओं को OBC कोटे में 3% आरक्षण।
- स्वरोजगार के लिए ₹25,000 की सरकारी सहायता।
लसित बोरफुकन को किया याद
पीएम मोदी ने असम के वीर योद्धा लसित बोरफुकन का जिक्र किया, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने बताया कि उनके सम्मान में 125 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा बनाई गई है और गणतंत्र दिवस पर उनकी झांकी भी प्रदर्शित की गई थी।
असम का विकास, चाय जनजाति की प्रगति
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार असम के विकास के लिए लगातार काम कर रही है और चाय जनजाति समुदाय को सशक्त बना रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में असम और पूरा पूर्वोत्तर नई ऊंचाइयों को छुएगा।


