“केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे पहले सितंबर में कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी गई थी जिसमें कहा गया है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरण में कार्यान्वित किया जाएगा”
दिनाँक 12/12/2024 नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इस पर बहस तेज हो गई है। कई गैर-भा.ज.पा. शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस विधेयक पर आपत्ति जताई है।
हेमंत सोरेन ने इसे भाजपा का एजेंडा बताया और कहा कि इसका असर समझना जरूरी है। ममता बनर्जी ने इसे असंविधानिक और संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया, साथ ही आरोप लगाया कि यह भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सत्ता को केंद्र में केंद्रीत करने के लिए लाया जा रहा है, और विपक्षी नेताओं की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है। ममता ने कहा कि बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही के सामने नहीं झुकेगा और वे इसे मजबूती से विरोध करेंगे।


