“छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों के राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इस फैसले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया और इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमले के रूप में देखा”
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने हाल ही में एक आदेश जारी किया, जिसमें मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों का राजनीतिक गतिविधियों में इस्तेमाल रोकने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश के तहत धार्मिक स्थलों पर किसी भी तरह की राजनीतिक बैठकों, नारों, या प्रचार पर पाबंदी लगाई गई है।
आदेश का उद्देश्य:
- धार्मिक स्थलों को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना।
- समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखना।
- धार्मिक स्थलों के वास्तविक उद्देश्यों को संरक्षित करना।
ओवैसी का विरोध:
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया। ओवैसी ने कहा कि यह आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है और समुदाय को दबाने का एक प्रयास है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं:
- समर्थन: कुछ संगठनों और नेताओं ने वक्फ बोर्ड के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
- विरोध: विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप करार दिया।
यह मुद्दा राज्य में चर्चा का विषय बन गया है और आगामी चुनावों में भी प्रभाव डाल सकता है। वक्फ बोर्ड ने अपने आदेश को समाज की बेहतरी के लिए बताया है, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह आदेश भेदभावपूर्ण है।


