दिनाँक 24/07/2025 नई दिल्ली
दिल्ली में लापता लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिपनेट (ZipNet) के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 23 जुलाई 2025 तक 7,880 से ज्यादा लोग लापता हुए हैं, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इनमें 4,753 महिलाएं और 3,133 पुरुष शामिल हैं।
सबसे ज्यादा गुमशुदगी बाहरी उत्तरी जिले में
सबसे ज्यादा 908 मामले बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले से सामने आए हैं, जिनमें बवाना, स्वरूप नगर और समयपुर बादली जैसे इलाके शामिल हैं। वहीं, नई दिल्ली जिले में सबसे कम 85 गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए हैं। नई दिल्ली क्षेत्र में तिलक मार्ग, संसद मार्ग और चाणक्यपुरी जैसे हाई-सिक्योरिटी क्षेत्र आते हैं।
अन्य जिलों में गुमशुदगी के आंकड़े
- उत्तर पूर्वी दिल्ली: 730 मामले
- दक्षिण पश्चिम दिल्ली: 717
- दक्षिण पूर्व दिल्ली: 689
- बाहरी दिल्ली: 675
- द्वारका: 644
- उत्तर पश्चिम: 636
- पूर्वी दिल्ली: 577
- रोहिणी: 452
- मध्य दिल्ली: 363
- उत्तर दिल्ली: 348
- दक्षिण दिल्ली: 215
- शाहदरा: 201
1,486 अज्ञात शव भी मिले
इसी अवधि में 1,486 अज्ञात शव भी बरामद किए गए हैं। इनमें अधिकांश पुरुष थे और उनकी पहचान नहीं हो सकी है।
- सबसे ज्यादा 352 शव उत्तरी जिले से मिले हैं (कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस इलाके)।
- मध्य दिल्ली: 113 शव
- उत्तर पश्चिम: 93
- दक्षिण पूर्व: 83
- उत्तर पूर्व और दक्षिण पश्चिम: 73-73
- बाहरी दिल्ली: 65
- पूर्वी दिल्ली और नई दिल्ली: 55-55
- पश्चिम और बाहरी उत्तर: 54-54
- रोहिणी: 44
- शाहदरा: 42
- द्वारका: 35
- दक्षिण दिल्ली: 26
- रेलवे क्षेत्र: 23
क्या है जिपनेट?
जिपनेट (ZipNet) एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस है, जिसे पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता लोगों और अज्ञात शवों की पहचान के लिए इस्तेमाल करती हैं। इसमें कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़े संकलित किए जाते हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली में महिलाओं की गुमशुदगी की संख्या चिंताजनक है और साथ ही बड़ी संख्या में अज्ञात शव मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जरूरत है कि पुलिस और प्रशासन इस दिशा में सख्त और प्रभावी कदम उठाएं।


