दिनाँक 02/04/2025 नई दिल्ली
भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 12% बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये (करीब 2.76 अरब डॉलर) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर सभी हितधारकों को बधाई दी और कहा कि देश 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
निजी और सार्वजनिक क्षेत्र का योगदान
- निजी कंपनियों का योगदान: 15,233 करोड़ रुपये
- सार्वजनिक क्षेत्र (DPSU) का योगदान: 8,389 करोड़ रुपये
- DPSU का निर्यात पिछले साल की तुलना में 42.85% बढ़ा
80 देशों को किया रक्षा उत्पादों का निर्यात
भारत ने गोला-बारूद, हथियार, रक्षा प्रणालियों और अन्य उपकरणों को करीब 80 देशों को निर्यात किया। इसका मतलब है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में सिर्फ आयात पर निर्भर नहीं है, बल्कि अन्य देशों को भी सैन्य उपकरण बेचने में सक्षम है।
निर्यात करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी
- वित्त वर्ष 2024-25 में 1,762 एक्सपोर्ट लाइसेंस जारी किए गए, जबकि 2023-24 में यह संख्या 1,507 थी। यानी 16.92% की बढ़ोतरी हुई।
- निर्यातकों की कुल संख्या भी 17.4% बढ़ गई।
सरकार ने रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए कदम
भारत सरकार ने रक्षा उत्पादन बढ़ाने और निर्यात को आसान बनाने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं:
✔️ औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल किया गया
✔️ लाइसेंस की वैधता अवधि बढ़ाई गई
✔️ निर्यात ऑथराइजेशन देने की प्रक्रिया और आसान की गई
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह भारत के रक्षा क्षेत्र की वैश्विक स्वीकार्यता और आत्मनिर्भरता का संकेत है।


