भारतीय वायु सेना को मिलेगा स्वदेशी रडार ‘अश्विनी’, दुश्मन के विमानों पर रहेगी पैनी नजर

दिनाँक 13/03/2025 नई दिल्ली

भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 2,906 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक ‘अश्विनी’ लो-लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार (LLTR) खरीदने का सौदा किया है। यह रडार लड़ाकू विमानों, यूएवी और हेलीकॉप्टरों की सटीक निगरानी करने में सक्षम होगा।

स्वदेशी तकनीक से बना ‘अश्विनी’ रडार
यह रडार पूरी तरह स्वदेशी है और इसे डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार विकास प्रतिष्ठान (LRDE) ने डिजाइन और विकसित किया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) गाजियाबाद इसे तैयार करेगा। नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए।

क्या करेगा ‘अश्विनी’ रडार?

  • लड़ाकू विमानों की ट्रैकिंग – दुश्मन के तेज गति वाले लड़ाकू विमान आसानी से पकड़ में आएंगे।
  • यूएवी और हेलीकॉप्टरों की निगरानी – धीमी गति से उड़ने वाले ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को भी यह रडार पहचान सकेगा।
  • भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ेगी – इससे वायु सेना की परिचालन क्षमता और सुरक्षा में जबरदस्त इजाफा होगा।
  • आत्मनिर्भर भारत को मजबूती – स्वदेशी रडार आने से विदेशी उपकरणों पर निर्भरता घटेगी और देश की रक्षा प्रणाली और मजबूत होगी।

यह सौदा भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण नीति को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।

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