“दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है। ग्रेप पर वायु गुणवत्ता आयोग की उप-समिति ने एक आपातकालीन बैठक बुलाकर इसकी घोषणा की”
दिनाँक 16/12/2024 नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है, क्योंकि यहां की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। इसके चलते वायु गुणवत्ता आयोग ने एक आपातकालीन बैठक बुलाकर यह फैसला लिया और कड़ी पाबंदियां लागू कर दी हैं।
क्या-क्या पाबंदियां लगाई गई हैं?
- भारी वाहनों का प्रवेश बंद
दिल्ली में ट्रक, लोडर और अन्य भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। - निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक
सभी प्रकार के निर्माण कार्य और तोड़फोड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इन कार्यों से धूल और अन्य प्रदूषक तत्व वातावरण में फैलते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब होती है। - वर्क फ्रॉम होम का आदेश
सरकारी और निजी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे कर्मचारियों से घर से काम करवाएं, ताकि सड़कों पर कम से कम वाहन चलें और प्रदूषण कम हो। - कच्ची सड़कों पर रोक
कच्ची सड़कों पर वाहनों को निर्माण सामग्री लेकर जाने से रोका जाएगा। इससे सड़क से उड़ने वाली धूल को रोका जा सकेगा, जो हवा को और खराब करती है। - कचरा जलाने पर रोक
खुले में कचरा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। कचरा जलाने से होने वाला धुंआ वायु प्रदूषण को बढ़ाता है और स्थिति को और गंभीर बनाता है। - पॉलीथिन और प्रदूषणकारी पदार्थों का उपयोग प्रतिबंधित
पॉलीथिन और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली चीजों का इस्तेमाल भी रोक दिया गया है, क्योंकि ये भी वायु को और गंदा करते हैं।
ग्रैप-4 क्या है?
ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) एक ऐसी योजना है जिसे वायु गुणवत्ता की स्थिति के आधार पर लागू किया जाता है। यह योजना विभिन्न स्तरों पर लागू होती है, जिनमें से ग्रैप-4 सबसे गंभीर स्तर है, जिसे हवा की गुणवत्ता बहुत खराब होने पर लागू किया जाता है। इस स्थिति में कई कड़े कदम उठाए जाते हैं ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
दिल्ली में खराब हवा की गुणवत्ता की वजह से लोग सांस की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, और खासकर बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। इस वजह से सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।


