दिनाँक 20/02/2025 नई दिल्ली
छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक का सफर
रेखा गुप्ता का राजनीति से नाता कॉलेज के दिनों से ही रहा है। उन्होंने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की। 1996-97 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं और छात्रों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।
इसके बाद उन्होंने 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद का चुनाव जीता। पार्षद रहते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं विकसित कीं।
महिला सशक्तिकरण और समाज सेवा में योगदान
रेखा गुप्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए “सुमेधा योजना” चलाई, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा में मदद मिली। वे भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव भी रही हैं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई अभियान चलाए हैं।
लगातार सीखने और आगे बढ़ने की इच्छा
समाज और कानून को बेहतर समझने के लिए उन्होंने 2022 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई भी पूरी की। पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ और नेतृत्व क्षमता के कारण पहली बार विधायक बनने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।
रेखा गुप्ता का जीवन समाज सेवा और राजनीति में उनके समर्पण का प्रतीक है। अब वे दिल्ली की बागडोर संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।


