दिनाँक 02/05/2025 नई दिल्ली
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश की युवा पीढ़ी को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री लेने का माध्यम नहीं, बल्कि व्यवहारिक, कौशलपूर्ण और रोजगारपरक होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में तकनीकी शिक्षा को बेहतर, सुलभ और नवाचार आधारित बनाने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं, जिनके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने सभी प्राविधिक संस्थानों को नैक, एनबीए और एनआईआरएफ जैसी रैंकिंग में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन इसके लिए पहले पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (SIRF) के तहत सरकारी और अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों के साथ-साथ निजी संस्थानों को भी शामिल करने का निर्देश दिया, ताकि सभी संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता का एक जैसा स्तर सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाओं को बेहतर किया जाए और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाए। इसके साथ ही सभी खाली पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 2139 पॉलीटेक्निक संस्थान संचालित हैं। इनमें डिजिटल क्लास, बायोमैट्रिक उपस्थिति, इंडस्ट्री लिंक्ड कोर्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक विषय भी पढ़ाए जा रहे हैं। 2017 से अब तक प्रदेश में 39 नए राजकीय पॉलीटेक्निक खोले गए हैं और 13,000 से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।


