दिनाँक 15/02/2025 नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC) 2025 में भारत के लोकतंत्र की मजबूती की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र न सिर्फ बना हुआ है, बल्कि यह लोगों की ज़िंदगी को भी बेहतर बना रहा है। इस चर्चा में उनके साथ नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गाहर स्टोरे, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लॉटकिन और वारसॉ के मेयर राफाल ट्राजास्कोव्स्की भी शामिल थे। जहां बाकी लोग लोकतंत्र की चुनौतियों पर चिंता जता रहे थे, वहीं जयशंकर ने आत्मविश्वास से कहा कि भारत का लोकतंत्र और भी मजबूत हुआ है।
भारत का चुनावी तंत्र
जयशंकर ने भारत के चुनावी सिस्टम की खासियत बताते हुए कहा कि यहां चुनाव सही और सुचारू तरीके से होते हैं। उन्होंने अपनी स्याही लगी उंगली दिखाते हुए बताया कि उन्होंने हाल ही में मतदान किया है। उन्होंने कहा, “भारत में पिछले साल हुए आम चुनावों में 90 करोड़ योग्य मतदाताओं में से करीब 70 करोड़ ने मतदान किया। हम एक ही दिन में वोटों की गिनती कर लेते हैं और नतीजे बिना किसी विवाद के स्वीकार किए जाते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में पिछले कुछ दशकों में मतदान प्रतिशत 20% तक बढ़ा है, जो लोकतंत्र के और मजबूत होने का संकेत है।
लोकतंत्र और विकास का रिश्ता
जयशंकर ने बताया कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक सिस्टम नहीं, बल्कि यह लोगों के जीवन में सुधार भी ला रहा है। उन्होंने कहा,
“भारत में लोकतंत्र सच में भूख मिटाता है।”
उन्होंने बताया कि भारत सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है, जिससे लोगों की सेहत और जीवन स्तर सुधर रहा है।
वैश्विक लोकतंत्र पर विचार
हालांकि, उन्होंने माना कि दुनिया में लोकतंत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोकतंत्र असफल हो रहा है। उन्होंने कहा,
“पिछले 25-30 सालों में अपनाए गए वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) मॉडल की वजह से कुछ समस्याएं हुई हैं, लेकिन इससे लोकतंत्र खत्म नहीं हो जाएगा।”
भारत का लोकतंत्र ज्यादा प्रासंगिक क्यों?
जयशंकर ने कहा कि भारत का लोकतंत्र पश्चिमी देशों के लोकतंत्र से ज्यादा प्रासंगिक (relevant) है, खासकर विकासशील देशों के लिए। उन्होंने समझाया कि भारत ने लोकतंत्र इसलिए अपनाया क्योंकि हमारी संस्कृति शुरू से ही सबकी राय को महत्व देने और सभी को साथ लेकर चलने पर आधारित रही है। उन्होंने पश्चिमी देशों को सलाह दी कि अगर वे चाहते हैं कि पूरी दुनिया में लोकतंत्र मजबूत हो, तो उन्हें अपने दायरे से बाहर आकर दूसरे सफल लोकतांत्रिक मॉडल को भी अपनाना होगा।
सम्मेलन में भारत की भागीदारी
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC) का 61वां संस्करण 14 से 16 फरवरी 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें दुनिया भर के नेता अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और नीति से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
सम्मेलन के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर लिखा:
“MSC 2025 में ‘लोकतंत्र को मजबूत बनाने’ पर चर्चा की। भारत को एक सफल लोकतंत्र के रूप में पेश किया और विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे पर अपनी राय रखी।”


