“बाबा रामदेव और बालकृष्ण पर आरोप है कि उनके विज्ञापनों में बीमारियों के इलाज के बारे में गलत दावे किए गए और एलोपैथी समेत आधुनिक चिकित्सा को अपमानित किया गया। ऐसा ही एक मामला कोझिकोड की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित है।”
दिनाँक 20/01/2025 नई दिल्ली
केरल की एक अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों के मामले में जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट 16 जनवरी को पलक्कड़ की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने तब जारी किया जब वे समन के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए। यह मामला दिव्य फार्मेसी के उन विज्ञापनों से जुड़ा है, जिन पर बीमारियों के इलाज के झूठे दावे करने और एलोपैथी सहित आधुनिक चिकित्सा का अपमान करने का आरोप है। इन विज्ञापनों ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का कथित रूप से उल्लंघन किया।
पिछले दो वर्षों में, पतंजलि और इसके संस्थापकों को ऐसे विज्ञापनों के कारण कई कानूनी विवादों का सामना करना पड़ा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी पतंजलि के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके भ्रामक विज्ञापनों पर अस्थायी रोक लगाई और माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया।
रामदेव और बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी, जिसके बाद पतंजलि को अपने माफीनामे को अखबारों में छापने का निर्देश दिया गया। हालांकि, अदालत ने केंद्र सरकार की आलोचना की कि वह 1945 के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।


