दिनाँक 03/04/2025 नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया और विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह कानून भारत सरकार और संसद द्वारा बनाया गया है, जिसे सभी को स्वीकार करना होगा। शाह ने स्पष्ट किया कि वक्फ परिषदों और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल किया गया है, लेकिन ये निकाय सिर्फ संपत्तियों के सही प्रशासन के लिए हैं।
CAA से किसी की नागरिकता नहीं गई
अमित शाह ने कहा कि CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर बेवजह डर फैलाया गया, जबकि इससे किसी की नागरिकता नहीं गई है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 में वक्फ अधिनियम में बदलाव नहीं किया जाता, तो आज इस विधेयक की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 2014 के चुनाव से ठीक पहले लुटियंस दिल्ली की 123 वीवीआईपी संपत्तियां वक्फ को सौंप दी थीं।
नया कानून पिछली तारीख से लागू नहीं होगा
शाह ने यह भी साफ किया कि नया वक्फ कानून पिछली तारीख से लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संसद में पारित होने के बाद और सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद ही लागू होगा।
विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप
गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग गलत अफवाहें फैला रहे हैं कि सरकार मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखल देगी, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने दोहराया कि यह कानून सिर्फ दान में दी गई संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए है।
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम नियुक्त नहीं होंगे
शाह ने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लाया गया है और इससे मुस्लिम धार्मिक प्रथाओं में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।


