दिनाँक 10/04/2025 नई दिल्ली
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को राजधानी में आयोजित ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में जैन धर्म के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को मजबूत किया है और इसे संजोकर रखना सरकार की प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में बने नए संसद भवन में भी जैन धर्म की झलक साफ नजर आती है। ‘शार्दूल द्वार’ से प्रवेश करने पर ‘स्थापत्य गैलरी’ में सम्मेद शिखर पर्वत का चित्रण है। लोकसभा में एक तीर्थंकर की प्रतिमा लगाई गई है, जो ऑस्ट्रेलिया से लाई गई है। इसके अलावा भगवान महावीर की सुंदर पेंटिंग और दक्षिण भवन की दीवार पर सभी 24 तीर्थंकरों की झलक देखने को मिलती है।
उन्होंने जैन साहित्य को भारत की बौद्धिक विरासत की रीढ़ बताया और कहा कि प्राकृत और पाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर सरकार ने इस परंपरा को सम्मान दिया है। पीएम मोदी ने यह भी साझा किया कि वे गुजरात में पले-बढ़े हैं, जहां जैन धर्म का प्रभाव बचपन से ही उनके जीवन में रहा है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप भी किया और इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और एकता का प्रतीक बताया।
यह कार्यक्रम जैन धर्म के मूल सिद्धांतों जैसे अहिंसा, आत्मशुद्धि, सत्य और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।
उधर, अहमदाबाद में भी जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JITO) द्वारा इसी अवसर पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने एक साथ नवकार मंत्र का जाप किया।


