आप सांसद राघव चड्ढा को हार्वर्ड से न्योता, ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम में होंगे शामिल

दिनाँक 07/03/2025 नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को हार्वर्ड केनेडी स्कूल के ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। इस पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक बड़ा सम्मान है और इस कार्यक्रम से उन्हें नई चीजें सीखने का मौका मिलेगा, जिससे वे जनता की भलाई के लिए और बेहतर काम कर सकेंगे।

यंग ग्लोबल लीडर सम्मान के बाद बड़ा मौका

राघव चड्ढा को पहले भी विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा यंग ग्लोबल लीडर सम्मान से नवाजा गया था। यह सम्मान 40 वर्ष से कम उम्र के उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने नेतृत्व से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया हो। इसी सम्मान के तहत कुछ चुनिंदा नेताओं को हार्वर्ड केनेडी स्कूल के “21वीं सदी के लिए वैश्विक नेतृत्व और सार्वजनिक नीति” कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलता है।

5 से 13 मार्च तक चलेगा कार्यक्रम

यह विशेष कार्यक्रम 5 से 13 मार्च, 2025 तक बोस्टन, कैम्ब्रिज में आयोजित होगा, जहां दुनिया भर के शीर्ष राजनेता, नीति निर्माता और विचारक एक मंच पर जुटेंगे। इसका मकसद वैश्विक शासन, नेतृत्व और नीति नवाचार पर चर्चा करना है। हार्वर्ड केनेडी स्कूल सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी संस्थाओं में से एक है और इसके कई पूर्व छात्र अपने देशों के शीर्ष पदों पर कार्यरत हैं।

राघव चड्ढा ने जताई खुशी

राघव चड्ढा ने कहा, “मैं स्कूल में वापस लौटने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए चुने जाना मेरे लिए गर्व की बात है। यह मेरे नेतृत्व कौशल को और निखारने का अवसर देगा, जिससे मैं भारत की नीतियों और शासन में बेहतर योगदान दे सकूंगा।”

इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

इस कार्यक्रम में बेरोजगारी, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक अस्थिरता, ऊर्जा संकट और बढ़ती सामाजिक-आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसका उद्देश्य नेताओं को बेहतर निर्णय लेने, नीति निर्माण और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान और रणनीतियां प्रदान करना है।

भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ता प्रभाव

राघव चड्ढा का इस कार्यक्रम में शामिल होना अंतरराष्ट्रीय नीति निर्माण में भारत की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। इस अनुभव से उन्हें वैश्विक नीति निर्माताओं से सीखने का अवसर मिलेगा और वे भारत के लिए बेहतर, प्रभावी और भविष्य-उन्मुख नीतियों के निर्माण में योगदान दे सकेंगे।

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