“यह मिशन 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन करने के लक्ष्य से जुड़ा है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और देश को साफ और टिकाऊ (सस्टेनेबल) ऊर्जा मिलेगी।”
दिनाँक 15/02/2025 नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन’ का मकसद भारत की परमाणु ताकत को बढ़ाना, निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देना और नई परमाणु तकनीक को विकसित करना है। गुजरात में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि सरकार ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के विकास और रिसर्च के लिए ₹20,000 करोड़ का बजट रखा है। सरकार की योजना है कि 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी SMR बनाए जाएं।
यह मिशन 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन करने के लक्ष्य से जुड़ा है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और देश को साफ और टिकाऊ (सस्टेनेबल) ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा में निजी कंपनियों की भागीदारी एक बड़ा बदलाव साबित होगी। इससे भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने और दुनिया में परमाणु तकनीक में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र (स्पेस सेक्टर) को निजी कंपनियों के लिए खोला, उसी तरह परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भी सुधार किए जा रहे हैं, जिससे नए इनोवेशन और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि परमाणु ऊर्जा भारत की ऊर्जा नीति का एक अहम हिस्सा बनेगी, जिससे देश तकनीकी रूप से और भी मजबूत और आत्मनिर्भर बनेगा।


