दिनाँक 12/06/2025 नई दिल्ली
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को प्रमोशन देकर अब डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है। यह अहम जिम्मेदारी उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद दी गई है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था।
सेना में यह पद क्यों है खास?
भारतीय सेना में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सेना प्रमुख के बाद सबसे अहम जिम्मेदारी इसी पद पर होती है। इस पद पर बैठे अधिकारी सैन्य संचालन, रणनीति बनाना, प्रशासन संभालना और रक्षा मंत्रालय के साथ तालमेल जैसे काम संभालते हैं। सेना के तमाम ऑपरेशनल वर्टिकल्स इसी पद को रिपोर्ट करते हैं।
पहलगाम हमले में निभाई थी अहम भूमिका
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पहलगाम आतंकी हमले के वक्त सेना का चेहरा बनकर सामने आए थे। उन्होंने लगातार ब्रीफिंग कर हालात की जानकारी दी थी। उस दौरान पाकिस्तान के DGMO ने भी उनसे संपर्क कर सेना की जवाबी कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया था।
सैलरी में भी बढ़ोतरी
सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, इस नए पद पर 2,25,000 रुपये प्रतिमाह बेसिक सैलरी मिलेगी। भत्तों को जोड़ने के बाद उनकी कुल सैलरी करीब 2.5 से 3 लाख रुपये प्रतिमाह तक पहुंच सकती है।
अनुभव और योगदान
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पहले श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडर रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई बड़े ऑपरेशन सफल हुए। उनकी रणनीतिक सूझबूझ और शानदार नेतृत्व क्षमता के चलते ही उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सेना में यह नियुक्ति संगठन की मजबूती और दक्षता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।


