पीएम मोदी के 11 साल: भारत की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाई, योग-धरोहर-तीर्थ और विश्व मंच पर दमदार पहचान

दिनाँक 04/06/2025 नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 सालों में भारत की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम मिला है। हम्पी जैसे ऐतिहासिक स्थलों से लेकर योग और आयुर्वेद जैसी प्राचीन भारतीय परंपराओं को पूरी दुनिया में पहचान मिली है।

धार्मिक स्थलों का भव्य विकास
देशभर के मंदिरों और तीर्थ स्थलों का अभूतपूर्व विकास हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक उज्जैन, राम मंदिर अयोध्या, केदारनाथ धाम और जूना सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार ने ना सिर्फ धार्मिक भावनाओं को नई ऊर्जा दी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा दिया।

तीर्थयात्रियों के लिए नई सुविधाएं
चारधाम राजमार्ग, हेमकुंड साहिब रोपवे, बौद्ध सर्किट और करतारपुर कॉरिडोर जैसी योजनाओं ने तीर्थयात्रा को पहले से आसान और सुरक्षित बना दिया है।

प्रसाद और स्वदेश दर्शन योजना
सिर्फ मंदिर ही नहीं, मस्जिदों, चर्चों और अन्य पूजा स्थलों का भी विकास किया गया। पर्यटन और विरासत शहरों के विकास के लिए प्रसाद, स्वदेश दर्शन और हृदय योजना के तहत कई प्रोजेक्ट पूरे हुए।

भारत की लुप्त धरोहरें वापस
2014 के बाद भारत ने दुनिया भर से 642 प्राचीन कलाकृतियां वापस मंगवाईं, जो कभी चोरी या अवैध तरीके से बाहर पहुंच गई थीं।

राष्ट्र-निर्माताओं को सम्मान
देश ने प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, जलियांवाला बाग, और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जैसे प्रोजेक्ट्स बनाकर बलिदानों को सहेजने का काम किया।

महाकुंभ और सांस्कृतिक आयोजन
महाकुंभ 2025 में रिकॉर्ड 66 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘काशी तमिल संगमम’ जैसे कार्यक्रमों ने देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में बांधने का काम किया।

योग और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान
योग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान मिली। 2024 में 25.93 लाख लोगों ने यूपी में योग की ऑनलाइन शपथ ली। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 35 देशों में आयुष सूचना केंद्र और हील इन इंडिया जैसी योजनाएं शुरू हुईं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और विश्व मंच
मुंबई में WEAVES 2025 समिट में 100 देशों के प्रतिनिधि आए और 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा के समझौते हुए।

विश्व धरोहर स्थलों में वृद्धि
जुलाई 2024 में असम के मोइदम्स को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। अब भारत के पास कुल 43 विश्व धरोहर स्थल हैं।

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