दिनाँक 29/05/2025 नई दिल्ली
भोपाल, 29 मई 2025 : “नमो ड्रोन दीदी योजना” ने मध्यप्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नया बदलाव ला दिया है। इस योजना के ज़रिए महिलाएँ ड्रोन तकनीक सीखकर खेती में नैनो यूरिया और नैनो पेस्टिसाइड का छिड़काव कर रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं।
आगर-मालवा जिले की रीना चंदेल इसी योजना का हिस्सा हैं। रीना ने बताया कि वे अब किसानों के खेतों में ड्रोन से दवा और खाद का छिड़काव करती हैं। इसके बदले उन्हें प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैसे मिलते हैं। सिर्फ एक कृषि सीजन में ही रीना ने 40 हजार रुपये से ज़्यादा की कमाई कर ली और सालभर में ये कमाई 1 लाख रुपये तक पहुँच जाती है। उन्होंने इंदौर और भोपाल में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी ली है।
ग्वालियर की निधा अख्तर भी इस योजना की एक सफल मिसाल हैं। निधा ने ड्रोन तकनीक से अब तक 2250 एकड़ खेत में नैनो उर्वरक का छिड़काव किया है। इससे एक साल से भी कम वक्त में उन्हें करीब साढ़े तीन लाख रुपये की शुद्ध कमाई हुई है। निधा को ग्वालियर के एमआईटीएस कॉलेज में ट्रेनिंग दी गई थी और फिर उन्हें ड्रोन पायलट का लाइसेंस, एक ड्रोन, एक इलेक्ट्रिक गाड़ी और जनरेटर भी दिया गया।
निधा कहती हैं, “अब हम किसी पर निर्भर नहीं, अपनी मेहनत और तकनीक से आत्मनिर्भर बन चुकी हूं।” उनकी इस कामयाबी की सराहना अमेरिका के काउंसिल जनरल माइक हैंकी ने भी की और निधा से ड्रोन छिड़काव के अनुभव साझा किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इस योजना ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की राह दी है। रीना और निधा की सफलता आज बाकी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गई है।


