नेपाल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से तबाही: अब तक 170 लोगों की मौत, कई हाइवे बंद

नेपाल में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से बड़े पैमाने पर तबाही मची हुई है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि अब तक 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई जगहों पर सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि हजारों परिवार बेघर हो गए हैं।

प्रभावित क्षेत्र:

नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासतौर से पश्चिम नेपाल और मध्य नेपाल के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से सड़कों और हाइवे बंद हो गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो चुका है। कई गांवों का संपर्क अन्य इलाकों से कट गया है, जिससे राहत कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।

बाढ़ और लैंडस्लाइड का प्रकोप:

लगातार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। इस वजह से कई घर पानी में डूब चुके हैं और सड़कों पर जलभराव हो गया है। साथ ही पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड के कारण रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। कई हाइवे बंद कर दिए गए हैं, जिनमें मुख्य प्रिथ्वी हाइवे और महेंद्र हाइवे शामिल हैं।

राहत और बचाव कार्य:

नेपाल सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना और पुलिस की टीमें तैनात कर दी हैं। हेलीकॉप्टरों के जरिए फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय स्वयंसेवक भी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।

सरकार की अपील:

नेपाल सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों से दूर रहें। सरकार ने सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है, ताकि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए जा सकें।

हाइवे और यात्रा पर असर:

बाढ़ और भूस्खलन के चलते नेपाल के कई प्रमुख हाइवे बंद हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोग मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। कई स्थानों पर सड़कों को ठीक करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण काम में देरी हो रही है।

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम की प्रतिकूलता के चलते चुनौतीपूर्ण हालात बने हुए हैं।

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