हिजबुल्लाह के मौजूदा प्रमुख हसन नसरल्लाह की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सवाल उठ रहे हैं कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। इस दौड़ में सबसे आगे हसन नसरल्लाह के चचेरे भाई हाशिम सैफिद्दीन का नाम है, जो संगठन में लंबे समय से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। वहीं, हिजबुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल, शेख नईम कासिम भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं।
हाशिम सैफिद्दीन:
सैफिद्दीन हिजबुल्लाह की शीर्ष शूरा परिषद के सदस्य हैं और नसरल्लाह के करीबी माने जाते हैं।
उनका जन्म लेबनान के तायर इलाके में हुआ और वे बचपन से ही नसरल्लाह के साथ जुड़े रहे।
सैफिद्दीन संगठन के विचारधारा और रणनीतिक दिशा तय करने में नसरल्लाह के मुख्य सलाहकार रहे हैं।
उन्हें संगठन के प्रमुख पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है, खासकर ईरान के समर्थन से। ईरान हिजबुल्लाह के सबसे बड़े समर्थकों में से एक है, और सैफिद्दीन का ईरान के साथ भी गहरा संबंध है।
नईम कासिम:
शेख नईम कासिम हिजबुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल हैं और इस्लामिक शिक्षा और संगठन के धार्मिक मुद्दों में गहरी पैठ रखते हैं।
कासिम हिजबुल्लाह के अंदर धार्मिक नेतृत्व के लिए सम्मानित माने जाते हैं।
उन्होंने संगठन के भीतर अपने प्रभाव से नेतृत्व को मजबूत किया है और कई धार्मिक और सामरिक निर्णयों में अहम भूमिका निभाई है।
हिजबुल्लाह का भविष्य:
नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने लेबनान में एक शक्तिशाली भूमिका निभाई है और क्षेत्रीय राजनीति में भी असर डाला है।
यदि सैफिद्दीन प्रमुख बनते हैं, तो संगठन की रणनीतिक दिशा में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है, क्योंकि वे नसरल्लाह की नीतियों के ही अनुयायी हैं।
वहीं, यदि नईम कासिम को प्रमुख चुना जाता है, तो हिजबुल्लाह की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर अधिक जोर हो सकता है, जो संगठन की विचारधारा को और मजबूती देगा।
हिजबुल्लाह के अगला प्रमुख बनने की रेस में सैफिद्दीन और कासिम दोनों ही प्रमुख नाम हैं। जहां सैफिद्दीन संगठन के रणनीतिक और राजनीतिक मामलों में मजबूत पकड़ रखते हैं, वहीं कासिम का प्रभाव धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में है। नसरल्लाह के बाद संगठन का नेतृत्व कौन करेगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि हिजबुल्लाह की दिशा और नीति में बड़ा बदलाव नहीं होगा।


